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छंद की परिभाषा, अंग तथा भेद - Hind OS

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आज इस लेख में हम छंद के बारे में पढेंगे जैसे- छंद की परिभाषा, अंग तथा भेद इत्यादि। चलिये सबसे पहले छंद का मतलब जान लेते हैं। छंद क्या है | Chhand kya hai छंद शब्द संस्कृत के छिदि धातु से बना है छिदि का अर्थ है ढकना, आच्छादित करना। सर्वप्रथम छंद की चर्चा ऋग्वेद में आई है। छंद वह सुंदर आवरण है जो कविता-कामिनी के शरीर को ढक कर उसके सौंदर्य में वृद्धि करता है। छंद की परिभाषा  जिन रचनाओं में वर्ण, मात्रा, यति, गति, तुक आदि पर बल दिया जाता है वे छंद कहलाते हैं। अक्षरों की संख्या एवं क्रम मात्रा, गणना तथा यति- गति से संबंधित विशिश्ट नियमों से नियोजित पद रचना छंद कहलाती है। आइये अब यह जान लेते हैं कि छंद के कितने अंग होते हैं। छंद के अंग | Chhand ke ang छंद के सात अंग होते हैं जो निम्नलिखित है। वर्ण मात्रा यति गति तुक लघु और गुरु गण 1. वर्ण क्या है वर्ण ही अक्षर कहलाते हैं। यह एक छोटी सी आवाज है जिसे तोड़ा नहीं जा सकता। वर्ण के दो भेद होते है। (I)- लघु/ह्रस्व स्वर- जिसका उच्चारण करने में कम समय (एक मात्रा का समय) लगता है, उसे लघु/ह्रस्व स्वर कहा जाता है जैसे :- अ, इ, उ,ऋ। (II)- दीर्घ स्वर-...

रस के प्रकार उदाहरण सहित | Ras ke prakar in hindi

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Hindi Ras ke prakar :  पिछले अध्याय में हमने रस की परिभाषा तथा अंग पढ़ा। इस लेख के हम रस के प्रकार के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। चलिये शुरू करते हैं। रस के प्रकार |  Ras ke Prakar रसों की संख्या 9 है। वास्तव में रस नौ ही प्रकार के होते हैं परन्तु वात्सल्य एवं भक्ति को भी रस माना गया हैं इसलिए रसों की संख्या 11 हो जाती है। श्रंगार रस हास्य रस वीर रस करुण रस शांत रस अदभुत रस भयानक रस रौद्र रस वीभत्स रस वात्सल्य रस भक्ति रस 1. श्रृंगार रस की परिभाषा श्रृंगार रस में नायक और नायिका के मन में संस्कार रूप में स्थित रति या प्रेम जब रस के अवस्था में पहुंच जाता है तो वह श्रृंगार रस कहलाता है। इसका स्थायी भाव रति होता हैं। श्रृंगार रस को "रसराज" भी कहा जाता है। श्रृंगार रस के उदाहरण :- तरनि तनुजा तट तमाल तरुवर बहु छाये। झके कूल सों जल परसन हित मनहुँ सुहाये।। 2. हास्य रस की परिभाषा जहां कुछ अजीब स्थितियों या परिस्थितियों के कारण हास्य उत्पन्न होता है, उसे हास्य रस कहा जाता है।  इसकी स्थायी भावना हास (कम) हो जाती है। हास्य रस के उदाहरण :- विंध्य के वासी उदासी, तपोव्रत धारी महा बि...

रस किसे कहते हैं | Ras Kise Khate Hain :

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Ras ki paribhasha - यदि आप रस पढ़ना चाहते हैं तो यहाँ पर रस क्या है, अंग, प्रकार, उदाहरण सहित प्रकाशित किया गया है। चलिये सबसे पहले यह जान लेते हैं कि रस किसे कहते हैं। रस किसे कहते हैं | Ras kise kahate hain रस जैसा कि नाम से ही स्पष्ट होता है सुख, आनंद, मजा इत्यादि। इस प्रकार रस का शाब्दिक अर्थ होता है "आनंद" इसलिए हम रस की परिभाषा कुछ इस प्रकार दे सकते हैं  Ras Kise Kahate Hain- 'किसी काव्य को पढ़कर या सुनकर मन में जो आनंद का भाव उत्पन्न होता है, उसे रस कहते हैं।' रस के  कितने अंग होते हैं | Ras ke Ang रस के चार अंग होते है, जो निम्नलिखित हैं। स्थाई भाव अनुभाव विभाव संचारी भाव 1. स्थाई भाव क्या है स्थाई भाव का अर्थ होता है प्रधान भाव। प्रधान भाव वही हो सकता है जो रस की अवस्था तक पहुंचता है। काव्य या नाटक में शुरू से आखिर तक एक स्थाई भाव होता है। स्थाई भाव की संख्या 9 मानी गई है। स्थाई भाव ही रस का आधार है। एक रस के मूल में एक स्थाई भाव रहता है।  अतः रसों की संख्या भी 9 होती है। इन्हें नवरस भी कहते हैं। मूल रूप से नवरस ही माने जाते हैं। बाद में आचार्यों ने दो और भा...

समास क्या है - परिभाषा, भेद तथा उदाहरण : Samas in Hindi OS

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दोस्तो यदि आप समझ के बारे में विस्तार से पढ़ना चाहते हैं तो आप सही जगह हैं। क्योंकि इस लेख समास क्या है, समास विग्रह क्या है, समास के कितने भेद होते हैं इत्यादि का वर्णन विस्तृत रूप से किया गया है। समास क्या है | Samas Kya hai जहाँ पर अधिक से अधिक अर्थ को कम-से-कम शब्दों में प्रकट किया जाए वह समास कहलाता है। Samas Kise Kahate Hain | Samas Ki Paribhasha समास की परिभाषा  - जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया और छोटा शब्द बनता है उस शब्द को समास कहते हैं।  समास क्या है - परिभाषा, भेद तथा उदाहरण समास विग्रह क्या है | समास विग्रह किसे कहते हैं संपूर्ण पद के सभी पदों को अलग करने की प्रक्रिया को समास-विग्रह या व्यास कहा जाता है। समास विग्रह के उदाहरण नीलकमल का विग्रह है- "नीला है जो कमल" चौराहा का विग्रह है - चार राहों का समूह। • समास रचना में प्रायः दो पद होते हैं। पहले को पूर्व पद और दूसरे को कहा जाता है। उदाहरण:-  "राजपुत्र" में पूर्वपद "राज" है और उत्तरपद "पुत्र" है। • समास प्रक्रिया में पदों के बीच की विभक्तियां लुप्त हो जाती हैं। उदाहरण:-  ...

उपसर्ग की परिभाषा, उदाहरण तथा प्रकार : Hindi OS

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उपसर्ग : इस लेख में हम उपसर्ग के बारे में जानेंगे जैसे कि उपसर्ग किसे कहते हैं,  उपसर्ग के उदाहरण  तथा उपसर्ग (upasarg) कितने प्रकार के होते हैं।  उपसर्ग किसे कहते हैं | Upasarg kise kahate hain उपसर्ग की परिभाषा:  वे शब्दांश जो किसी शब्द के आरंभ में लगाने पर उसके अर्थ में विशेषता लाते हैं या उसका अर्थ बदलने के लिए लगाए जाते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं। उपसर्ग की परिभाषा उपसर्ग के उदाहरण परा+कर्म = पराकर्म परा+जय = पराजय परा+भव = पराभव परा+धीन = पराधीन परा+भूत = पराभूत आदि। उपसर्ग कितने प्रकार के होते हैं | Upasarg ke prakar उपसर्ग चार प्रकार के होते है जो निम्नलिखित हैं-- संस्कृत के उपसर्ग हिंदी के उपसर्ग उर्दू और फारसी के उपसर्ग अंग्रेजी के उपसर्ग 1. संस्कृत के उपसर्ग - अप, अभि, अव, आ, अति, अधि, अनु, उप, दुर्, दुस्, उत्, उद्, निर्, निस्, नि, परा, परि, प्र, प्रति, वि, सम्, सु 2. हिंदी के उपसर्ग - अ, अन, क, कु, दु, बिन, नि, औ/अव, भर, सु, अध्, उन, पर 3. उर्दू और फारसी के उपसर्ग - ला, बद, बे, कम, गैर, खुश, ना, अल, बर, बिल, हम, दर, फिल/फी, ब, बा, सर, बिला, हर 4. अंग्रेजी के...

कारक (karak) किसे कहते हैं | कारक कितने प्रकार के होते हैं - Hindi Os

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हेल्लो दोस्तों! इस लेख में हम कारक (karak) किसे कहते हैं तथा कारक कितने प्रकार के होते हैं इत्यादि के बारे में जानेंगे। तो चलिए सबसे पहले कारक की परिभाषा जान लेते हैं। कारक किसे कहते हैं | karak kise khte hain कारक की परिभाषा- संज्ञा अथवा सर्वनाम के जिस रुप में वाक्य के अन्य शब्दों के साथ संज्ञा अथवा सर्वनाम का संबंध सूचित हो, उसे कारक कहते हैं। कारक के भेद | karak ke kitne bhed hain कारक आठ प्रकार के होते हैं। कर्ता कारक कर्म कारक करण कारक संप्रदान कारक अपादान कारक संबंध कारक अधिकरण कारक संबोधन कारक कारक ------- (चिह्न) कर्ता कारक ------- ने कर्म कारक  ------- को करण कारक ------- से संप्रदान कारक ------- को, के लिए अपादान कारक ------- से, अलगहोना संबंध कारक ------- का, की, के, रा, री, रे अधिकरण कारक ------- में, पर संबोधन कारक ------- हे !, अरे !

प्रत्यय की परिभाषा, प्रकार, भेद : Hindi OS

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प्रत्यय : क्या आप प्रत्यय की परिभाषा खोज रहे हैं? तो इस लेख को पूरा पढ़िए, क्योंकि इस लेख में प्रत्यय से जुड़ी सभी जानकारी का विस्तृत वर्णन किया गया है। चलिये सबसे पहले यह जान लेते हैं कि प्रत्यय किसे कहते हैं। प्रत्यय किसे कहते हैं? प्रत्यय की परिभाषा - वे शब्दांश जो किसी शब्द के अंत में लगकर उनके अर्थ को बदल देते है, प्रत्यय कहलाते हैं। प्रत्यय के उदाहरण :- सब्जी + वाला = सब्जीवाला लिखा + आवत = लिखावट प्रत्यय की परिभाषा तो आपलोग समझ गए अब यह जान लेते है की प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं। प्रत्यय के प्रकार प्रत्यय तीन प्रकार के होते हैं। संस्कृत के प्रत्यय हिंदी के प्रत्यय  विदेशी भाषा के प्रत्यय ऊपर हमने तीन प्रकार के प्रत्यय को बताया है। इसमें से हम हिंदी के प्रत्यय को विस्तृत रूप से पढ़ेंगे। तो चलिए यह जान लेते हैं कि हिंदी प्रत्यय के कितने भेद होते हैं। प्रत्यय के भेद:- प्रत्यय के मुख्यतः दो भेद हैं। 1. कृत प्रत्यय 2. तद्धित प्रत्यय 1. कृत प्रत्यय किसे कहते हैं कृत प्रत्यय की परिभाषा- वे प्रत्यय जो क्रिया के मूल रूप अर्थात मूल धातु में जुड़ते हैं, कृत् प्रत्यय कहलाते हैं...

काल किसे कहते हैं | काल के कितने भेद होते हैं | काल की परिभाषा

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हेल्लो दोस्तों! आज हम 'काल' के बारे में जानेंगे। क्या आप जानते हैं, काल किसे कहते हैं, काल के कितने भेद होते हैं। इस लेख में हम इन सभी के बारे में विस्तार से जानेंगे। तो चलिए सबसे पहले काल की परिभाषा जान लेते हैं। काल किसे कहते हैं | Kal kise kahate hain काल की परिभाषा - क्रिया के जिस रूप से कार्य करने या होने के समय का ज्ञान होता है उसे 'काल' कहते है। दूसरे शब्दों में - क्रिया के उस रूप को काल कहते हैं, जो उसके कार्य के समय और उसकी पूर्ण या अपूर्ण अवस्था का बोध कराता है। जैसे :-  बच्चे खेल रहे हैं।   बच्चे खेल रहे थे।   बच्चे खेलेंगे।  पहले वाक्य में क्रिया वर्तमान समय में हो रही है।  जैसे - (मैडम पढ़ा रही हैं।) दूसरे वाक्य में क्रिया पहले ही समाप्त हो चुकी थी। जैसे - (मैडम पढ़ा रही थी।) और तीसरे वाक्य में क्रिया भविष्य में होगी।   जैसे - (मैडम पढ़ायेंगी।) इन वाक्यों की क्रियाएँ कार्य के समय को दर्शाती हैं। काल के कितने भेद होते हैं | kaal ke bhed काल के निम्न तीन भेद होते है। वर्तमान काल - जो समय चल रहा है। भूतकाल - जो समय बीत चुका है। भविष्य...

विशेषण (visheshan) किसे कहते हैं | विशेषण के भेद - Hindi Os

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हेलो दोस्तों! क्या आप जानते है विशेषण (visheshan) क्या है, विशेषण की परिभाषा क्या है। विशेषण के कितने भेद हैं इत्यादि। आज के इस लेख में हम विशेषण से जुड़े इन सभी topic पर चर्चा करेंगे। विशेषण किसे कहते हैं | visheshan kua hai विशेषण की परिभाषा - विशेषण वे शब्द  हैं जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषताओं (गुण, दोष, संख्या, मात्रा, आदि) का वर्णन करते हैं। जैसे :- मोटा, काला, सुन्दर, बड़ा आदि।

क्रिया किसे कहते है | क्रिया के भेद - Hindi Os

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हेलो दोस्तों! आज इस लेख में हम क्रिया के बारे में पढ़ेंगे जैसे क्रिया की परिभाषा, क्रिया के भेद इत्यादि। तो चलिए सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि क्रिया किसे कहते हैं। इनका प्रयोग कहाँ किया जाता है। क्रिया किसे कहते हैं। क्रिया की परिभाषा - जिस शब्द से किसी कार्य का होना या करना समझा जाए, उसे क्रिया कहते हैं। जैसे:- खाना, सोना, रहना, पीना, जागना, उठना,बैठना आदि। क्रिया के भेद : क्रिया के कितने भेद होते हैं रचना की दृष्टि से क्रिया के मुख्यतः दो भेद हैं। सकर्मक क्रिया अकर्मक क्रिया

सर्वनाम किसे कहते हैं | सर्वनाम की परिभाषा | सर्वनाम के भेद : Hindi OS

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नमस्ते मित्रों! इस लेख में आपको सर्वनाम (sarvanam) किसे कहते है, सर्वनाम की परिभाषा, सर्वनाम के भेद के बारे में बताया गया है। जो परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। दोस्तों ऐसे ही और महत्वपूर्ण जानकारी और competitive exam से रिलेटेड study मटेरियल Hindi में पढ़ सकते हैं। सर्वनाम (sarvanam) किसे कहते हैं | सर्वनाम की परिभाषा संज्ञा के बदले प्रयोग करने वाले शब्द को सर्वनाम (sarvanam) कहते हैं। अर्थात " सर्वनाम " वे शब्द हैं जो सभी नामों (संज्ञा) के बदले पर प्रयोग किये जाते हैं, या हो सकते हैं, उन्हें सर्वनाम कहते हैं। सर्वनाम के उदाहरण :- आप, वह, तुम, मैं, वे तू आदि। सर्वनाम के कितने भेद हैं | सर्वनाम के भेद | sarvanam ke bhed सर्वनाम के मुख्य छः भेद होते है। पुरुषवाचक सर्वनाम निश्चयवाचक सर्वनाम अनिश्चयवाचक सर्वनाम संबंधवाचक सर्वनाम प्रश्नवाचक सर्वनाम निजवाचक सर्वनाम 1. पुरुषवाचक सर्वनाम पुरुषवाचक सर्वनाम तीन प्रकार के होते हैं। उत्तम पुरुष मध्यम पुरुष अन्य पुरुष पुरुषवाचक सर्वनाम के उदाहरण उत्तम पुरुष - मैं, मेरा, मैंने, हमने, हम, हमारा, मेरा, मुझे, मुझको। मध्यम पुरुष - तुम, तुमको, तु...

संज्ञा किसे कहते है | संज्ञा की परिभाषा : sangya kise kahate hain

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हेलो दोस्तों अगर आप संज्ञा के बारे में जानना चाहते हैं कि संज्ञा किसे कहते हैं, संज्ञा की परिभाषा, संज्ञा के भेद तो आप इस लेख में इन सभी के बारे में बताया गया है जिसे आप नीचे पड़ सकते हैं।   संज्ञा (Sangya) किसे कहते हैं | संज्ञा की परिभाषा किसी व्यक्ति, वस्तु, गुण, प्राणी व जाति, स्थान (जगह), क्रिया और भाव आदि के नाम को संज्ञा कहा जाता है। जैसे :-  मानव, पशु, पक्षी, (जाति व प्राणी), कोलकाता, दिल्ली, मंदिर, मस्जिद (स्थान व जगह),  पापा, मम्मी, दादा, दादी, मोहन, नीता (व्यक्ति), फोन, कम्प्यूटर, पेन, किताब, साइकिल (वस्तु),  क्रोध करना, हँसना, रोना, गाना (भाव),  आकर्षक, सुन्दर, खराब, साफ सुथरा (गुण),  सीखना, भागना, खाना, पढ़ना, मारना-पीटना (क्रिया)  संज्ञा के कितने भेद होते हैं। | Sangya ke bhed संज्ञा के भेद :- संज्ञा के पाँच भेद होते है। 1. जातिवाचक संज्ञा 2. भाववाचक संज्ञा 3. व्यक्तिवाचक संज्ञा 4.समूहवाचक संज्ञा 5. द्रव्यवाचक संज्ञा 1. जातिवाचक संज्ञा क्या होती है | जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा जिस शब्द से एक ही जाति के अनेक प्राणियों और वस्तुओं का बोध होत...

शब्द (Shabd) की परिभाषा | शब्द के भेद : Hindi OS

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नमस्कर दोस्तो इस लेख में हमने शब्द के बारे में जानकारी शेयर की है जैसे कि शब्द किसे कहते हैं, शब्द के भेद, शब्द कितने प्रकार के होते हैं इत्यादि। यदि आप शब्द से जुड़े सभी जानकारी एक शाट जानना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा पढ़िए। आइये जानते है। शब्द (shabd kise kahate hai)  किसे कहते हैं | शब्द की परिभाषा वर्णो के संयोजन से बने हुए स्वतंत्र एवं अर्थपूर्ण ध्वनि-समूह को शब्द कहते हैं । जैसे :- हम, गाड़ी, मकान, इत्यादि । शब्द (Shabd)  की परिभाषा | शब्द के भेद शब्द (shabd) के कितने भेद होते हैं। शब्द के भेद | shabd ke bhed शब्द के अर्थ, उपयोग, उत्पत्ति और व्युत्पत्ति के संदर्भ में कई भेद हैं।  उनका विवरण इस प्रकार है: ( 1) अर्थ की दृष्टि से शब्द भेद:- (i) साथर्क शब्द (ii) निरर्थक शब्द (i) सार्थक शब्द किसे कहते हैं जिस अक्षर समूह का स्पष्ट रूप से कुछ अर्थ होता है, उसे 'सार्थक शब्द' कहा जाता है। जैसे :- कमल, खटमल, रोटी, सेव आदि। (ii) निरर्थक शब्द किसे कहते हैं जिस अक्षर समूह जिसका कोई अर्थ नहीं है उसे अर्थहीन या निरर्थक शब्द कहा जाता है। जैसे :- राटी, विठा, चीं, वाना, वोती आदि। सार्...

हिंदी वर्णमाला किसे कहते हैं | varnmala kise kahte hain

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  हेलो दोस्तों, आज इस लेख में मैं आपको वर्णमाला के बारे में संपूर्ण जानकारी शेयर करने वाला हूं। इसमें वर्णमाला किसे कहते हैं, हिंदी वर्णमाला में कितने व्यंजन होते हैं?, स्वर वर्ण के कितने भेद होते हैं?, व्यंजन किसे कहते हैं इसके कितने भेद हैं? इत्यादि जानकारी अच्छी तरह से बताया है। इसमें स्वर और व्यंजन कितने होते हैं इस बारे में भी बताया है। हिंदी वर्णमाला किसे कहते है? हिन्दी वर्णमाला :- हिंदी भाषा की सबसे छोटी इकाई ध्वनि ( वर्ण ) होती है। वर्ण के मौखिक रूप को ध्वनि कहा जाता है। वर्णों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं। वर्णमाला को दो भागों में बाँटा गया हैं। :- 1. स्वर 2. व्यंजन स्वर किसे कहते हैं हिंदी में  1. स्वर किसे कहते हैं परिभाषा जिन वर्णों को स्वतंत्र रूप से बोला जा सके उसे स्वर कहते हैं। हिन्दी में स्वरों की संख्या 11 है। जो निम्नलिखित हैं- अ, आ, इ , ई , उ , ऊ , ए , ऐ , ओ , औ , ऋ। स्वर कितने प्रकार के होते हैं हिंदी वर्णमाला में स्वरों को तीन भागों में बाँटा गया है। जो निम्नलिखित हैं। i-लघु/ह्रस्व स्वर ii-दीर्घ स्वर iii-प्लुत स्वर i-लघु/ह्रस्व स्वर किसे कहते ह...