प्रत्यय की परिभाषा, प्रकार, भेद : Hindi OS

प्रत्यय : क्या आप प्रत्यय की परिभाषा खोज रहे हैं? तो इस लेख को पूरा पढ़िए, क्योंकि इस लेख में प्रत्यय से जुड़ी सभी जानकारी का विस्तृत वर्णन किया गया है। चलिये सबसे पहले यह जान लेते हैं कि प्रत्यय किसे कहते हैं।


प्रत्यय किसे कहते हैं?

प्रत्यय की परिभाषा- वे शब्दांश जो किसी शब्द के अंत में लगकर उनके अर्थ को बदल देते है, प्रत्यय कहलाते हैं।

प्रत्यय के उदाहरण :-

  • सब्जी + वाला = सब्जीवाला
  • लिखा + आवत = लिखावट

प्रत्यय किसे कहते हैं?


प्रत्यय की परिभाषा तो आपलोग समझ गए अब यह जान लेते है की प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं।

प्रत्यय के प्रकार

प्रत्यय तीन प्रकार के होते हैं।

  1. संस्कृत के प्रत्यय
  2. हिंदी के प्रत्यय 
  3. विदेशी भाषा के प्रत्यय


ऊपर हमने तीन प्रकार के प्रत्यय को बताया है। इसमें से हम हिंदी के प्रत्यय को विस्तृत रूप से पढ़ेंगे। तो चलिए यह जान लेते हैं कि हिंदी प्रत्यय के कितने भेद होते हैं।

प्रत्यय के भेद:-

प्रत्यय के मुख्यतः दो भेद हैं।

1. कृत प्रत्यय

2. तद्धित प्रत्यय


1. कृत प्रत्यय किसे कहते हैं

कृत प्रत्यय की परिभाषा- वे प्रत्यय जो क्रिया के मूल रूप अर्थात मूल धातु में जुड़ते हैं, कृत् प्रत्यय कहलाते हैं।  कृत प्रत्यय से बने शब्दों को कृदंत कहते हैं।

जैसे :-

लेख +अक = लेखक। यहां अक कृत प्रत्यय है तथा लेखक कृदंत शब्द है।


2. तद्धित प्रत्यय किसे कहते हैं

तध्दित प्रत्यय की परिभाषा- वे प्रत्यय जो क्रिया के मूल रूप यानी धातु को छोड़कर अन्य शब्दों- संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण व अवयव में जुड़ते हैं तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं। तद्धित प्रत्यय से बने शब्द तद्धितांत शब्द का लाते हैं।

जैसे :-

सेठ +आनी= सेठानी। यहां आनी तद्धित प्रत्यय है तथा सेठानी तद्धित शब्द है।


प्रत्यय के कुछ महत्वपूर्ण नोट्स :-

i. प्रत्ययों का अपना कुछ भी अर्थ नहीं होता है और न ही इनका प्रयोग स्वतंत्र रूप से किया जाता है।

ii. हिंदी के प्रायः सभी प्रत्ययों कृत और तद्धित, संस्कृत के कृत और तद्धित प्रत्यय से ही विकसित हुए हैं।

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