muhavare ka arth - मुहावरे का शाब्दिक अर्थ ' अभ्यास ' है। जिस मुहावरे से किसी विशेष अर्थ का बोध होता है, उसे मुहावरा कहते हैं। मुहावरा एक पूर्ण वाक्य नहीं है इसलिए इसका स्वतंत्र रूप से उपयोग नहीं किया जा सकता है। ऐसे वाक्यांश, जो सामान्य अर्थ का बोध नहीं कराते हैं, लेकिन कुछ अनोखे अर्थ का आभास कराते हैं, मुहावरे कहलाते हैं। इन विशेष अर्थों को मुहावरे कहा जाता है। muhavare ka arth bataiye | मुहावरे का अर्थ और वाक्य हिंदी भाषा में मुहावरों (muhavara) का प्रयोग भाषा को सुंदर, प्रभावशाली ,संक्षिप्त तथा सरल बनाने के लिए किया जाता है। ये वाक्यांश होते हैं। इसका प्रयोग करते समय इसके शाब्दिक अर्थ के स्थान पर इसका विशेष अर्थ लिया जाता है। उनके विशेष अर्थ कभी नहीं बदलते। वे हमेशा एक जैसे रहते हैं। muhavare meaning in hindi इनका प्रयोग वाक्यों में लिंग, शब्द, क्रिया के अनुसार किया जाता है। मुहावरा एक वाक्यांश है जो रचना में अपना विशेष अर्थ बताता है। मुहावरा एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है बात करना या उत्तर देना। मुहावरे की विशेषताएं:- मुहावरे का प्रयोग वाक्य के संदर्भ ...
आज इस लेख में हम छंद के बारे में पढेंगे जैसे- छंद की परिभाषा, अंग तथा भेद इत्यादि। चलिये सबसे पहले छंद का मतलब जान लेते हैं। छंद क्या है | Chhand kya hai छंद शब्द संस्कृत के छिदि धातु से बना है छिदि का अर्थ है ढकना, आच्छादित करना। सर्वप्रथम छंद की चर्चा ऋग्वेद में आई है। छंद वह सुंदर आवरण है जो कविता-कामिनी के शरीर को ढक कर उसके सौंदर्य में वृद्धि करता है। छंद की परिभाषा जिन रचनाओं में वर्ण, मात्रा, यति, गति, तुक आदि पर बल दिया जाता है वे छंद कहलाते हैं। अक्षरों की संख्या एवं क्रम मात्रा, गणना तथा यति- गति से संबंधित विशिश्ट नियमों से नियोजित पद रचना छंद कहलाती है। आइये अब यह जान लेते हैं कि छंद के कितने अंग होते हैं। छंद के अंग | Chhand ke ang छंद के सात अंग होते हैं जो निम्नलिखित है। वर्ण मात्रा यति गति तुक लघु और गुरु गण 1. वर्ण क्या है वर्ण ही अक्षर कहलाते हैं। यह एक छोटी सी आवाज है जिसे तोड़ा नहीं जा सकता। वर्ण के दो भेद होते है। (I)- लघु/ह्रस्व स्वर- जिसका उच्चारण करने में कम समय (एक मात्रा का समय) लगता है, उसे लघु/ह्रस्व स्वर कहा जाता है जैसे :- अ, इ, उ,ऋ। (II)- दीर्घ स्वर-...
प्रत्यय : क्या आप प्रत्यय की परिभाषा खोज रहे हैं? तो इस लेख को पूरा पढ़िए, क्योंकि इस लेख में प्रत्यय से जुड़ी सभी जानकारी का विस्तृत वर्णन किया गया है। चलिये सबसे पहले यह जान लेते हैं कि प्रत्यय किसे कहते हैं। प्रत्यय किसे कहते हैं? प्रत्यय की परिभाषा - वे शब्दांश जो किसी शब्द के अंत में लगकर उनके अर्थ को बदल देते है, प्रत्यय कहलाते हैं। प्रत्यय के उदाहरण :- सब्जी + वाला = सब्जीवाला लिखा + आवत = लिखावट प्रत्यय की परिभाषा तो आपलोग समझ गए अब यह जान लेते है की प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं। प्रत्यय के प्रकार प्रत्यय तीन प्रकार के होते हैं। संस्कृत के प्रत्यय हिंदी के प्रत्यय विदेशी भाषा के प्रत्यय ऊपर हमने तीन प्रकार के प्रत्यय को बताया है। इसमें से हम हिंदी के प्रत्यय को विस्तृत रूप से पढ़ेंगे। तो चलिए यह जान लेते हैं कि हिंदी प्रत्यय के कितने भेद होते हैं। प्रत्यय के भेद:- प्रत्यय के मुख्यतः दो भेद हैं। 1. कृत प्रत्यय 2. तद्धित प्रत्यय 1. कृत प्रत्यय किसे कहते हैं कृत प्रत्यय की परिभाषा- वे प्रत्यय जो क्रिया के मूल रूप अर्थात मूल धातु में जुड़ते हैं, कृत् प्रत्यय कहलाते हैं...