कारक (karak) किसे कहते हैं | कारक कितने प्रकार के होते हैं - Hindi Os

हेल्लो दोस्तों! इस लेख में हम कारक (karak) किसे कहते हैं तथा कारक कितने प्रकार के होते हैं इत्यादि के बारे में जानेंगे। तो चलिए सबसे पहले कारक की परिभाषा जान लेते हैं।

कारक किसे कहते हैं | karak kise khte hain

कारक की परिभाषा- संज्ञा अथवा सर्वनाम के जिस रुप में वाक्य के अन्य शब्दों के साथ संज्ञा अथवा सर्वनाम का संबंध सूचित हो, उसे कारक कहते हैं।

कारक (karak) किसे कहते हैं | कारक कितने प्रकार के होते हैं

कारक के भेद | karak ke kitne bhed hain

कारक आठ प्रकार के होते हैं।

  1. कर्ता कारक
  2. कर्म कारक
  3. करण कारक
  4. संप्रदान कारक
  5. अपादान कारक
  6. संबंध कारक
  7. अधिकरण कारक
  8. संबोधन कारक


  • कारक------- (चिह्न)
  • कर्ता कारक------- ने
  • कर्म कारक ------- को
  • करण कारक------- से
  • संप्रदान कारक------- को, के लिए
  • अपादान कारक------- से, अलगहोना
  • संबंध कारक------- का, की, के, रा, री, रे
  • अधिकरण कारक------- में, पर
  • संबोधन कारक------- हे !, अरे !


1. कर्ता कारक (karta karak) किसे कहते हैं

Karta karak - वाक्य में जो शब्द काम करने वाले के अर्थ में आता है, उसे कर्ता कारक कहते हैं।

जैसे :-

"राहुल खाता है" इस वाक्य में खाने का काम राहुल करता है अतः कर्ता राहुल है।


2. कर्म कारक (karm karak) किसे कहते हैं

Karm karak- जिस शब्द पर क्रिया का परिणाम वाक्य में पड़ता है, कर्म कारक कहलाता है।

जैसे :-

रोहन ने फल खाया।


3. करण कारक (karan karak) किसे कहते हैं

Karan karak- वाक्य में जिस शब्द से क्रिया का सम्बन्ध ज्ञात होता है उसे करण कारक कहते हैं।
जैसे :-

मां ने बोतल से बच्चे को दूध पिलाया।


4. संप्रदान कारक (sampradan karak) किसे कहते हैं

Sampradan karak - जिसके लिए कुछ किया जाए या जिसको कुछ दिया जाए, इसका बोध करने वाले शब्द के रूप को संप्रदान कारक कहते हैं।
जैसे :-

भूखे व्यक्ति को अन्न और प्यासे को जल देना चाहिए


5. अपादान कारक (apadaan karak) किसे कहते हैं

Apadan karak- संज्ञा के जिस रूप से किसी वस्तु के अलग होने का भाव प्रकट होता है, उसे अपादान कारक कहते हैं।

जैसे :-
वृक्ष से पत्ता गिरा।


6. संबंध कारक (sambandh karak) किसे कहते हैं

Sambandh karak - संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से किसी अन्य शब्द के साथ संबंध या लगाव का बोध होता है, वह संबंध कारक कहलाता है।
जैसे :-

राम की किताब।


7. अधिकरण कारक (adhikaran karak) किसे कहते हैं

Adhikaran karak - संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया या आधार का बोध होता है, उसे अधिकरण कारक कहते हैं।
जैसे :-

सनी से छत पर खाना बनाया।


8. संबोधन कारक (sambodhan karak) किसे कहते हैं

संज्ञा के जिस रूप से किसी को बुलाने या संकेत करने का भाव मिलता है, उसे संबोधन कारक कहते हैं।

जैसे :-
हे ! ईश्वर मेरी रक्षा कीजिए।


उम्मीद करता हूँ कि आप कारक (karak) की परिभाषा तथा कारक के प्रकार समझ गए होंगे। यह पोस्ट अपको कैसा लगा comment करके जरूर बताएं।

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