रस के प्रकार उदाहरण सहित | Ras ke prakar in hindi
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Hindi Ras ke prakar : पिछले अध्याय में हमने रस की परिभाषा तथा अंग पढ़ा। इस लेख के हम रस के प्रकार के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। चलिये शुरू करते हैं। रस के प्रकार | Ras ke Prakar रसों की संख्या 9 है। वास्तव में रस नौ ही प्रकार के होते हैं परन्तु वात्सल्य एवं भक्ति को भी रस माना गया हैं इसलिए रसों की संख्या 11 हो जाती है। श्रंगार रस हास्य रस वीर रस करुण रस शांत रस अदभुत रस भयानक रस रौद्र रस वीभत्स रस वात्सल्य रस भक्ति रस 1. श्रृंगार रस की परिभाषा श्रृंगार रस में नायक और नायिका के मन में संस्कार रूप में स्थित रति या प्रेम जब रस के अवस्था में पहुंच जाता है तो वह श्रृंगार रस कहलाता है। इसका स्थायी भाव रति होता हैं। श्रृंगार रस को "रसराज" भी कहा जाता है। श्रृंगार रस के उदाहरण :- तरनि तनुजा तट तमाल तरुवर बहु छाये। झके कूल सों जल परसन हित मनहुँ सुहाये।। 2. हास्य रस की परिभाषा जहां कुछ अजीब स्थितियों या परिस्थितियों के कारण हास्य उत्पन्न होता है, उसे हास्य रस कहा जाता है। इसकी स्थायी भावना हास (कम) हो जाती है। हास्य रस के उदाहरण :- विंध्य के वासी उदासी, तपोव्रत धारी महा बि...