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अ से औ तक कर वर्ण का मुहावरा | A Se Au Tak Muhavare

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अ से औ तक कर वर्ण का मुहावरा- हेल्लो दोस्तों! Welcome to hindi OS . पिछले आर्टिकल में हमने मुहावरे का अर्थ तथा विशेषता के बारे में जान चुके है इसलिए इस आर्मेंटिकल में वर्ड के अनुसार अ से औ तक के वर्ण से बनने वाले मुहावरे को पढ़ेंगे अ से औ तक वर्ण क्रमानुसार मुहावरे अ से बनने वाले मुहावरे  यहाँ पर मुहावरे  उसके बाद अर्थ फिर वाक्य प्रयोग क्रम से दिया गया है अंधे की लकड़ी – (एकमात्र सहारा) – मानव अपने माता-पिता के लिए अंधे की लकड़ी है । अक्ल पर पत्थर पड़ना – (बुद्धि नष्ट होना) – मुसीबत आने पर मनुष्य की अक्ल पर पत्थर पड़ जाते हैं । अपना उल्लू सीधा करना – (अपना स्वार्थ पूरा करना) – अरुण को तो अपना उल्लू सीधा करना था , अब वह तुषार से बात भी नहीं करता । अपना सा मुंह लेकर रह जाना – (असफलता प्राप्त होना) – जब वह अपना काम पूरा ना कर सका तो मालिक के समने वह अपना सा मुंह लेकर रह गया । अरमान निकालना – (इच्छा पूरी करना) – बेटे की शादी में बाबु साहब ने अपने दिल के अरमान निकाले । अरमान रहना – (इच्छा पूरी न होना) – पुत्र के मर जाने से गरीब के सारे अरमान रह गये  अपने मुंह मियाँ मिट्ठू बनना –...

मुहावरा का अर्थ और वाक्य - muhavare ka arth

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 muhavare ka arth - मुहावरे का शाब्दिक अर्थ ' अभ्यास ' है। जिस मुहावरे से किसी विशेष अर्थ का बोध होता है, उसे मुहावरा कहते हैं।  मुहावरा एक पूर्ण वाक्य नहीं है इसलिए इसका स्वतंत्र रूप से उपयोग नहीं किया जा सकता है। ऐसे वाक्यांश, जो सामान्य अर्थ का बोध नहीं कराते हैं, लेकिन कुछ अनोखे अर्थ का आभास कराते हैं, मुहावरे कहलाते हैं। इन विशेष अर्थों को मुहावरे कहा जाता है। muhavare ka arth bataiye | मुहावरे का अर्थ और वाक्य हिंदी भाषा में मुहावरों (muhavara) का प्रयोग भाषा को सुंदर, प्रभावशाली ,संक्षिप्त तथा सरल बनाने के लिए किया जाता है। ये वाक्यांश होते हैं। इसका प्रयोग करते समय इसके शाब्दिक अर्थ के स्थान पर इसका विशेष अर्थ लिया जाता है। उनके विशेष अर्थ कभी नहीं बदलते। वे हमेशा एक जैसे रहते हैं। muhavare meaning in hindi  इनका प्रयोग वाक्यों में लिंग, शब्द, क्रिया के अनुसार किया जाता है। मुहावरा एक वाक्यांश है जो रचना में अपना विशेष अर्थ बताता है। मुहावरा एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है बात करना या उत्तर देना। मुहावरे की विशेषताएं:- मुहावरे का प्रयोग वाक्य के संदर्भ ...

क से झ तक के वर्ण से शुरू होने वाले शब्दों के पर्यायवाची शब्द

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 पिछले अध्याय में हमने स्वर के वर्ण क्रमानुसार पर्यायवाची शब्द पढ़े और आज हम इस लेख में क से झ तक पर्यायवाची मतलब की क से झ तक वर्शुण से शुरू होने वाले शब्द के पर्यायवाची शब्द पढ़ेंगे क से शुरू होने वाले शबो के पर्यायवाची शब्द कमल - नलिन, अरविन्द, उत्पल, अम्भोज, तामरस, पुष्कर, महोत्पल, वनज, कंज, सरसिज, राजीव, पद्म, पंकज, नीरज, सरोज, जलज, जलजात, शतदल, पुण्डरीक, इन्दीवर। किरण - गभस्ति, रश्मि, मयूख, मरीचि, ज्योति, अंशु, अर्चि, गो, कर, प्रभा। कामदेव - मदन, मनोज,पंचशर, मनसिज, काम, अनंग, आत्मभू, कंदर्प, दर्पक, रतिपति, पुष्पधन्वा, मन्मथ। कपड़ा - मयुख, वस्त्र,  अंशु, कर, अम्बर, चीर, वसन, पट,परिधान। कुबेर - कित्ररेश, यक्षराज, धनद, धनाधिप, राजराज। किस्मत - होनी, विधि, नियति, भाग्य। कच - बाल, केश,  रोम, शिरोरूह, कुन्तल, चिकुर, अलक,। कबूतर - कपोत, रक्तलोचन, पारावत, कलरव, हारिल। कण्ठ - ग्रीवा, गर्दन, गला, शिरोधरा। कृपा - प्रसाद, करुणा, अनुकम्पा, दया, अनुग्रह। किताब - पोथी, ग्रन्थ, पुस्तक। किनारा - तीर, कूल, कगार, तट। किसान - कृषक, भूमिपुत्र, हलधर, खेतिहर, अन्नदाता। कृष्...

स्वरों के वर्णक्रमानुसार पर्यायवाची शब्द - Hindi OS

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हेलो दोस्तो! पिछले अध्याय में हम पर्यायवाची शब्द के बारे में जान गए हैं। आज इस लेख में हम अधिक से अधिक अ से औ तक वर्ण का क्रमानुसार पर्यायवाची शब्द पढेंगे। वर्ण क्रमानुसार पर्यायवाची शब्द  आइए स्वरों जैसे अ, आ, इ, ई .... औ से शुरू होने वाले शब्दों के पर्यायवाची शब्द पढ़ते है। अ से शुरू होने वाले शब्दों के पर्यायवाची शब्द अंधकार – तम, तमस, अंधियारा, तिमिर, अँधेरा। अपमान – अनादर, अवज्ञा, अवहेलना, तिरस्कार। अलंकार – आभूषण, गहना, जेवर। अहंकार – दंभ, अभिमान, दर्प, मद, घमंड। अमृत – सुधा, अमिय, पीयूष, सोम। असुर – दैत्य, दानव, राक्षस, निशाचर, रजनीचर, दनुज, रात्रिचर, तमचर। अतिथि – मेहमान, अभ्यागत, आगन्तुक। अनुपम – अपूर्व, अतुल्य, अनोखा, अद्भुत, अनन्य। अर्थ – धन, द्रव्य, मुद्रा, दौलत, वित्त, पैसा। अश्व – हय, तुरंग, घोड़ा, घोटक, बाजि, सैन्धव। अंतर - भिन्नता, असमानता, भेद, फर्क। अंतर्धान - गायब, लुप्त, ओझल, अदृश्य। अंदर - भीतर, आंतरिक, अंदरूनी, अभ्यंतर। अंदाज - अंदाजा, अटकल, कयास, अनुमान। आ से शुरू होने वाले शब्दों के पर्यायवाची शब्द आत्मा – जीव, चैतन्य, चेतनतत्तव, अंतःकरण। आग – अनल...

Paryayvachi Shabd kise kahate hai? पर्यायवाची शब्द

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Paryayvachi shabd ki paribhasha : हेलो दोस्तो! आज हम इस लेख में पर्यायवाची शब्द के बारे में पढेंगे। जैसे कि पर्यायवाची शब्द क्या है, परिभाषा, और प्रकार के बारे में विस्तृत पढेंगे। पर्यायवाची शब्द क्या है | Paryayavachi Shabd kya hai किसी शब्द-विशेष के लिए प्रयुक्त समानार्थक शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहते हैं। यद्यपि पर्यायवाची शब्द समानार्थी होते हैं किन्तु भाव में ये एक-दूसरे से किंचित भिन्न होते हैं। अर्थात जिन शब्दों के अर्थ में समानता होती है, उन्हें समानार्थक, या पर्यायवाची शब्द कहते हैं। जैसे :- पावक का पर्यायवाची - कृशानु, हुताशन, वैश्वानर, शुचि, ज्वाला, आग, अनल। मुँह का पर्यायवाची - चेहरा, मुखड़ा, आनन, मुख। पर्यायवाची कितने प्रकार की होती है पर्यायवाची को तीन भागों में बांटा जा सकता है। 1. पूर्ण पर्याय 2. पूर्णा पूर्ण पर्याय 3. अपूर्ण पर्याय 1. पूर्ण पर्याय पर्यायवाची शब्द :- वाक्य में यदि एक शब्द के स्थान पर दूसरा शब्द रखा जा सके और अर्थ में कोई अंतर नहीं पड़ता हो, तो यह उसका पूर्ण पर्याय है। जैसे- जलज,वारिज। 2. पूर्णा पूर्ण पर्याय पर्यायवाची शब्द :- जो एक प्रसंग में तो पूर्ण...

छंद की परिभाषा, अंग तथा भेद - Hind OS

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आज इस लेख में हम छंद के बारे में पढेंगे जैसे- छंद की परिभाषा, अंग तथा भेद इत्यादि। चलिये सबसे पहले छंद का मतलब जान लेते हैं। छंद क्या है | Chhand kya hai छंद शब्द संस्कृत के छिदि धातु से बना है छिदि का अर्थ है ढकना, आच्छादित करना। सर्वप्रथम छंद की चर्चा ऋग्वेद में आई है। छंद वह सुंदर आवरण है जो कविता-कामिनी के शरीर को ढक कर उसके सौंदर्य में वृद्धि करता है। छंद की परिभाषा  जिन रचनाओं में वर्ण, मात्रा, यति, गति, तुक आदि पर बल दिया जाता है वे छंद कहलाते हैं। अक्षरों की संख्या एवं क्रम मात्रा, गणना तथा यति- गति से संबंधित विशिश्ट नियमों से नियोजित पद रचना छंद कहलाती है। आइये अब यह जान लेते हैं कि छंद के कितने अंग होते हैं। छंद के अंग | Chhand ke ang छंद के सात अंग होते हैं जो निम्नलिखित है। वर्ण मात्रा यति गति तुक लघु और गुरु गण 1. वर्ण क्या है वर्ण ही अक्षर कहलाते हैं। यह एक छोटी सी आवाज है जिसे तोड़ा नहीं जा सकता। वर्ण के दो भेद होते है। (I)- लघु/ह्रस्व स्वर- जिसका उच्चारण करने में कम समय (एक मात्रा का समय) लगता है, उसे लघु/ह्रस्व स्वर कहा जाता है जैसे :- अ, इ, उ,ऋ। (II)- दीर्घ स्वर-...

रस के प्रकार उदाहरण सहित | Ras ke prakar in hindi

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Hindi Ras ke prakar :  पिछले अध्याय में हमने रस की परिभाषा तथा अंग पढ़ा। इस लेख के हम रस के प्रकार के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। चलिये शुरू करते हैं। रस के प्रकार |  Ras ke Prakar रसों की संख्या 9 है। वास्तव में रस नौ ही प्रकार के होते हैं परन्तु वात्सल्य एवं भक्ति को भी रस माना गया हैं इसलिए रसों की संख्या 11 हो जाती है। श्रंगार रस हास्य रस वीर रस करुण रस शांत रस अदभुत रस भयानक रस रौद्र रस वीभत्स रस वात्सल्य रस भक्ति रस 1. श्रृंगार रस की परिभाषा श्रृंगार रस में नायक और नायिका के मन में संस्कार रूप में स्थित रति या प्रेम जब रस के अवस्था में पहुंच जाता है तो वह श्रृंगार रस कहलाता है। इसका स्थायी भाव रति होता हैं। श्रृंगार रस को "रसराज" भी कहा जाता है। श्रृंगार रस के उदाहरण :- तरनि तनुजा तट तमाल तरुवर बहु छाये। झके कूल सों जल परसन हित मनहुँ सुहाये।। 2. हास्य रस की परिभाषा जहां कुछ अजीब स्थितियों या परिस्थितियों के कारण हास्य उत्पन्न होता है, उसे हास्य रस कहा जाता है।  इसकी स्थायी भावना हास (कम) हो जाती है। हास्य रस के उदाहरण :- विंध्य के वासी उदासी, तपोव्रत धारी महा बि...