अ से औ तक कर वर्ण का मुहावरा | A Se Au Tak Muhavare

अ से औ तक कर वर्ण का मुहावरा- हेल्लो दोस्तों! Welcome to hindi OS. पिछले आर्टिकल में हमने मुहावरे का अर्थ तथा विशेषता के बारे में जान चुके है इसलिए इस आर्मेंटिकल में वर्ड के अनुसार अ से औ तक के वर्ण से बनने वाले मुहावरे को पढ़ेंगे


अ से औ तक वर्ण क्रमानुसार मुहावरे

अ से बनने वाले मुहावरे 

यहाँ पर मुहावरे  उसके बाद अर्थ फिर वाक्य प्रयोग क्रम से दिया गया है

  • अंधे की लकड़ी – (एकमात्र सहारा) – मानव अपने माता-पिता के लिए अंधे की लकड़ी है ।

  • अक्ल पर पत्थर पड़ना – (बुद्धि नष्ट होना) – मुसीबत आने पर मनुष्य की अक्ल पर पत्थर पड़ जाते हैं ।

  • अपना उल्लू सीधा करना – (अपना स्वार्थ पूरा करना) – अरुण को तो अपना उल्लू सीधा करना था , अब वह तुषार से बात भी नहीं करता ।

  • अपना सा मुंह लेकर रह जाना – (असफलता प्राप्त होना) – जब वह अपना काम पूरा ना कर सका तो मालिक के समने वह अपना सा मुंह लेकर रह गया ।


  • अरमान निकालना – (इच्छा पूरी करना) – बेटे की शादी में बाबु साहब ने अपने दिल के अरमान निकाले ।

  • अरमान रहना – (इच्छा पूरी न होना) – पुत्र के मर जाने से गरीब के सारे अरमान रह गये 

  • अपने मुंह मियाँ मिट्ठू बनना – (स्वं अपनी प्रशंसा करना) – अच्छे आदमियों को अपने मुंह मियाँ मिट्ठू बनाना शोभा नहीं देता ।

  • अक्ल का चरने जाना – (समझ का आभाव होना) – इतना भी समझ नहीं सके , क्या अक्ल चरने गई है ।

  • अपने पैरों पर खड़ा होना – (आत्मनिर्भर होना) – व्यक्ति को अपने पैरों पर खड़े होकर काम करना चाहिए ।

  • अंगूठा दिखाना – (समय पर धोका देना) – मैंने सचिन से कुछ पैसे मांगे तो उसने मुझे अंगूठा दिखा दिया ।

  • अक्ल का अँधा – (मूर्ख) – राज अक्ल का अँधा है , वह किसी के समझाने से मानता ही नहीं है ।


  • अंक भरना – (प्यार से गले लगा लेना) – माँ ने बेटी को देखते ही अंक भर लिया ।

  • अंग टूटना – (बहुत थक जाना) – ज्यादा काम करने से मेरे तो अंग टूटने लगे हैं ।

  • अंगारों पर लेटना – (दुःख सहना) – वह दूसरे की तरक्की देखकर अंगारों पर लोटने लगा ।
  • अपना राग अलापना – (अपनी ही बातें करते रहना) – मैं उससे मदद मांगने गया था , परन्तु वह अपना ही राग अलापता रहा ।

  • अँधेरे घर का उजियारा – (इकलौता पुत्र) – राम इसलिए अधिक लाडला पुत्र है क्योंकि वही इस अँधेरे घर का उजियारा है ।

  • अक्ल का दुश्मन – (मूर्ख) – अरे! अक्ल के दुश्मन , यदि जीवन में सफलता पानी है तो मेहनत करो ।

  • अक्ल की दुम – (खुद को होशियार समझनेवाला) – तुम्हे दस का पहाडा तो आता है नहीं और खुद को साइंस का टॉपर कहते हो ।

  • अंचरा पसारना – (माँगना) – माँ ने अपने बेटे की तरक्की के लिए भगवान के सामने अंचरा पसार लिया ।

  • अण्टी मारना – (चाल चलना) – ऐसी अण्टीमारो कि सब चारों खाने चित हो जाए ।

  • अण्ड-बण्ड कहना – (भला-बुरा कहना) – तुम क्या अण्ड-बण्ड ख रहे हो कोई सुन लेगा तो बहुत पिटेगा ।

  • अन्धाधुन्ध लुटाना – (बिना सोचे खर्च करना) – अपनी कमाई को कोई भी अन्धाधुन्ध लुटाया नहीं करते ।

  • अन्धा बनना – (आगे-पीछे कुछ नहीं देखना) – धर्म के पीछे अँधा नहीं बनना चाहिए ।

  • अढाई दिन की हुकुमत -( कुछ ही दिन की शानोशौकत) – जरा होशियार रहें ये अढाई दिन की हुकुमत है जल्दी चली जाएगी ।

  • अन्न जल उठाना – (मरना) – मुझे नहीं पता था कि तुम्हारा यहाँ से अन्न जल उठ गया है ।

  • अन्न जल करना – (जलपान करना) – बहुत दिनों बाद आये हो कुछ अन्न जल तो कर लेते ।

  • अन्न लगना – (स्वस्थ रहना) – उसे तो अपने गाँव का ही अन्न लगता है ।

  • अपना किया पाना – (कर्म का फल भोगना ) – जब बेकार लोगों से नाता रखोगे तो अपना किया ही पाओगे ।
  • अन्धा बनाना – (धोखा देना) – लोगों ने ही लोगों को अँधा बना रखा है ।

  • अँधा होना – (विवेकभ्रष्ट होना) – तुम अंधे हो गये हो क्या यह भी नहीं देखते कि कोई खड़ा है या नहीं ।

  • अंधेरखाता – (अन्याय होना) – मुंहमांगा देने पर भी लोग अन्याय करते हैं यह कैसा अन्धेरखाता है ।

  • अंधेर नगरी – (जहाँ कपट का बोलबाला हो) – पहले चाय इकन्नी में मिलती थी और अब दस पैसे की मिलती है ये बाजार नहीं अंधेर नगरी है ।

  • अकेला दम – (अकेला होना) – मैं तो अकेला हूँ जिधर सींग समायेगा , चल दूंगा ।

  • अगले जमाने का आदमी – (ईमानदार व्यक्ति) – आज की दुनिया में अगले जमाने का आदमी बुद्ध माना जाता है ।

  • अब तब करना – (बहाना बनाना) – मैने उससे कुछ माँगा तो उसने अब तब करना शुरू क्र दिया ।

  • अब तब होना – (परेशान करना) – दवाई देने से कोई फायदा नहीं वह तो अब तब हो रहा है ।

आ से बनने वाले मुहावरे 

  • आँखों पर चढना – (कुछ पसंद आ जाना) – तुम्हारी घड़ी चोर की आँखों पर चढ़ गई इसलिए उसने चुरा ली ।

  • आँखों में पानी न होना – (बेशर्म होना) – बेईमान लोगों की आँखों में पानी नहीं होता ।

  • आँखों में खून उतरना – (अत्यधिक क्रोधित होना) – विजय को देखते ही धर्मराज की आँखों में खून उतर आया ।
  • आँखें सेकना – (दूसरों की लड़ाई से आनन्द लेना) – हमारी लड़ाई को देखकर सभी लोग अपनी आँखें सेकते हैं ।


  • आँख उठाकर न देखना – (ध्यान न देना) – श्याम किसी को आंख उठाकर नहीं देखता है ।

  • आँख का कांटा होना – (शत्रु होना) – बुरा काम करने की वजह से वह आस-पडोस वालों की आँख का कांटा हो गया है ।

  • आँख का काजल चुराना – (सफाई के साथ काम करना) – बहुत सारे लोगों के बीच से घडी का चोरी होना ऐसा लगता है जैसे चोर ने आँखों से काजल चुरा लिया ।

  • आँखों में गड़ना – (बुरा लगना) – मेरी बातें उसकी आँखों में गड़ गई ।

  • आँखों में चर्बी छाना – (घमंड होना) – जिसके पास दौलत होती है उसकी आँखों में चर्बी छा जाती है ।

  • आँखें लाल करना – (गुस्से से देखना) – सुंदर की बातों का बुरा मान क्र उसने आँखें लाल कर लीं ।

  • आवाज उठाना – (विरोध करना ) – गुंडों के खिलाफ आवाज उठाना आम बात नहीं है ।
  • आग लगने पर कुआँ खोदना – (मुसीबत आने पर मुसीबत का हल ढूँढना) – अंतिम घडी में शहर से डॉक्टर बुलाना आग लगने पर कुआँ खोदने के समान है ।

  • आटा गीला करना – (घाटा आना) – कम कीमत में फसल बेचोगे तो आटा तो गीला होगा ही ।

  • आधा तीतर आधा बटेर – (बेढंगा) – पश्चिमी संस्क्रती ने भारतीय संस्क्रती को आधा तीतर आधा बटेर बना दिया ।

  • आबरू पर पानी फिरना – (प्रतिष्ठा बर्बाद होना) – तुम्हारी नादानी के कारण ही हमारी आबरू पर पानी फिर गया ।

  • आँच न आने देना – (थोड़ी सी भी चोट न लगने देना) – मेरा दोस्त मुझ पर जरा भी आँच नहीं आने देगा ।

  • आटे दाल का भाव मालूम होना – (कठिन समय की समझ होना) – जब जिम्मेदारियाँ निभाने लगोगे तब तुम्हे आटे दाल का भाव पता लगेगा ।

  • आँसू पीकर रह जाना – (दुःख और अपमान को सहन करना) – सबके समने बुरा भला सुनकर भी वह आँसू पीकर रह गया ।

  • आग पर पानी डालना – ( शांत करना) – ओ भाइयों में ज्यादा गरमा-गर्मी हो गई थी लेकिन दीदी की बातों ने आग पर पानी डाल दिया ।

  • आग में कूदना – (जानबूझकर मुसीबत में पड़ना) – वीर पुरुष किसी खतरे से नहीं डरते वे तो आग में भी कूद पड़ते हैं ।

  • आसमान सिर पर उठाना – (शोर मचाना) – स्कूल के बच्चों ने आसमान सिर पर उठा लिया ।

  • आँख भर आना – (आँसू आना) – बेटी की बिदाई से माँ बाप की आँख भर आई ।

  • आँखों में बसना – (दिल में समाना) – वह इतना बुद्धिमान है कि वह मेरी आँखों में बस गया ।

इ से बनने वाले मुहावरे 

  • इंद्र की परी - (बहुत सुन्दर स्त्री)- राधा तो इंद्र की परी हैं, वह तो विश्व सुन्दरी बनेगी।

  • इज्जत उतारना - (अपमानित करना)- जब चीनी लेकर पैसे नहीं दिए तो दुकानदार ने ग्राहक की इज्जत उतार दी।

  • इज्जत मिट्टी में मिलाना -(प्रतिष्ठा या सम्मान नष्ट करना) - रामू की शराब की आदत ने उसके परिवार की इज्जत मिट्टी में मिला दी हैं।

  • इधर-उधर की लगाना या इधर की उधर लगाना -(चुगली करना) - मित्र, इधर-उधर की लगाना छोड़ दो, बुरी बात हैं।

  • इधर-उधर की हाँकना -(बेकार की बातें करना या गप मारना)- वह हमेशा इधर-उधर की हाँकता रहता हैं, कभी बैठकर पढ़ता नहीं।

  • इस कान सुनना, उस कान निकालना -(ध्यान न देना)- उसकी बेकार की बातों को तो मैं इस कान सुनता हूँ, उस कान निकाल देता हूँ।

  • इस हाथ देना, उस हाथ लेना -(तुरन्त फल मिलना)- रामदीन तो इस हाथ दे, उस हाथ ले में विश्वास करता हैं।

  • इंद्र का अखाड़ा -(किसी सजी हुई सभा में खूब नाच-रंग होता है)- पहले जमाने में राजा-महाराजाओं के यहाँ इंद्र का अखाड़ा सजता था और आजकल दागी नेताओं के यहाँ।

  • इंतकाल होना -(मर जाना)- पिता के इंतकाल के बाद सारे घर की जिम्मेदारी अब फारुख के कंधों पर ही है।

  • इशारे पर नाचना -(वश में हो जाना)- जो व्यक्ति अपनी पत्नी के इशारे पर नाचता है वह अपने माँ-बाप की कहाँ सुनेगा।
  • (ई)

  • ईंट से ईंट बजाना -(युद्धात्मक विनाश लाना)- शुरू में तो हिटलर ने यूरोप में ईट-से-ईट बजा छोड़ी, मगर बाद में खुद उसकी ईंटे बजनी लगी।

  • ईंट का जबाब पत्थर से देना -(जबरदस्त बदला लेना)- भारत अपने दुश्मनों को ईंट का जबाब पत्थर से देगा।

  • ईद का चाँद होना -(बहुत दिनों बाद दिखाई देना)- तुम तो कभी दिखाई ही नहीं देते, तुम्हे देखने को तरस गया, ऐसा लगता है कि तुम ईद के चाँद हो गए हो।

  • ईमान बेचना - (बेईमानी करना)- मित्र, ईमान बेचने से कुछ नहीं होगा, परिश्रम करके खाओ।

उ से बनने वाले मुहावरे 

  • उड़ती चिड़िया को पहचानना - (मन की या रहस्य की बात तुरंत जानना)- कोई मुझे धोखा नही दे सकता। मै उड़ती चिड़िया पहचान लेता हुँ।

  • उन्नीस बीस का अंतर होना - (थोड़ा-सा अन्तर)- रामू और मोहन की सूरत में बस उन्नीस-बीस का अन्तर हैं।

  • उलटी गंगा बहाना - (अनहोनी या लीक से हटकर बात करना)- अमित हमेशा उल्टी गंगा बहाता हैं - कह रहा था कि वह हाथों के बल चलकर स्कूल जाएगा।

  • उँगली उठाना -(बदनाम करना या दोषारोपण करना)- किसी पर खाहमखाह उँगली उठाना गलत हैं।

  • उँगली पकड़कर पौंहचा पकड़ना -(थोड़ा-सा सहारा या मदद पाकर ज्यादा की कोशिश करना)- उस भिखारी को मैंने एक रुपया दे दिया तो वह पाँच रुपए और माँगने लगा। तब मैंने उससे कहा - अरे भाई, तुम तो उँगली पकड़कर पौंहचा पकड़ रहे हो।

  • उड़ जाना -(खर्च हो जाना)- vअरे मित्र, महीना पूरा होने से पहले ही सारा वेतन उड़ जाता हैं।

  • उड़ती खबर -(अफवाह)- मित्र, ये तो उड़ती खबर हैं। प्रधानमंत्री को कुछ नहीं हुआ।

  • उड़न-छू हो जाना -(गायब हो जाना)- जो भी हाथ लगा, चोर वही लेकर उड़न-छूहो गया।

  • उधेड़बुन में पड़ना या रहना -(फिक्र या चिन्ता करना)- राम को जब देखो, पैसों की उधेड़बुन में लगा रहता हैं।

  • उबल पड़ना -(एकाएक क्रोधित होना)- दादी माँ से सब बच्चे डरते हैं, पता नहीं वे कब उबल पड़ें।

  • उलटी माला फेरना -(बुराई या अनिष्ट चाहना)- जब आयुष को रमेश ने चाँटा मारा तो वह उल्टी माला फेरने लगा।


  • उलटी-सीधी जड़ना -(झूठी शिकायत करना)- उल्टी-सीधी जड़ना तो माया की आदत हैं।

  • उलटी-सीधी सुनाना -(डाँटना-फटकारना)- जब माला ने दादी का कहना नहीं माना तो वे उसे उल्टी-सीधी सुनाने लगीं।

  • उलटे छुरे से मूँड़ना -(ठगना)- प्रयाग में पण्डे और रिक्शा वाले गरीब ग्रामीणों को उल्टे छुरे से मूँड़ देते हैं।

  • उलटे पाँव लौटना -(बिना रुके, तुरंत वापस लौट जाना)- मनीष के घर पर ताला लगा था इसलिए मैं उलटे पाँव लौट आया।

  • उल्लू बनाना -(बेवकूफ बनाना)- कल एक साधु, ममता को उल्लू बनाकर उससे रुपए ले गया।

  • उल्लू सीधा करना -(अपना स्वार्थ सिद्ध करना)- मुझे ज्ञात हैं, तुम यहाँ अपना उल्लू सीधा करने आए हो।

  • उँगलियों पर नचाना -(वश में करना)- इब्राहीम की पत्नी तो उसे अपनी उँगलियों पर नचाती है।

  • उगल देना -(भेद प्रकट कर देना)- जब पुलिस के डंडे पड़े तो उस चोर ने सब कुछ सच-सच उगल दिया।

  • उठ जाना -(मर जाना)- जो भले लोग होते हैं उनके उठ जाने के बाद भी दुनिया उन्हें याद करती है।

  • उलटे मुँह गिरना -(दूसरे को नीचा दिखाने के प्रयास में स्वयं नीचा देखना)- दूसरों को धोखा मत दो। किसी दिन सेर को सवा सेर मिल गया तो उलटे मुँह गिरोगे।

  • उल्लू बोलना -(वीरान स्थान होना)- जब पुलिस उस घर में घुसी तो वहाँ कोई नहीं था, उल्लू बोल रहे थे।

  • उल्लू का पट्ठा -(निपट मूर्ख)- उस उल्लू के पट्ठे को इतना समझाया कि दूसरों से पंगा न ले लेकिन उस समय उसने मेरी एक न सुनी। अब जब उलटे मुँह गिरा तो अक्ल आई।

ऊ से बनने वाले मुहावरे 

  • ऊँगली पकडकर पहुँचा पकड़ना – (थोड़े की जगह पूरा लेने की इच्छा रखना) – मोहन से सावधान रहो वह तो ऊँगली पकडकर पहुँचा पकड़ने वाला आदमी है ।

  • ऊँट के मुंह में जीरा – (आवश्यकता से कम वस्तु) – रत दिन मेहनत करने वाले मजदूर के लिए दो रोटियां ऊँट के मुंह में जीरे के समान हैं ।

  • ऊँगली पर नचाना – (अपने वश में कर लेना) – वह कमा कर देता है , इसलिए वह सारे घर को ऊँगली पर नचाता है ।

  • ऊँची दुकान फीका पकवान – (उपरी दिखावा करना) – वैसे तो दुकान इतनी बड़ी है और पकवान बिलकुल फीका यह तो वही बात हुई कि ऊँची दुकान फीका पकवान वाली बात हुई ।

ए से बनने वाले मुहावरे 

  • एक-एक ग्यारह होना – (एकता होना) – पहले वो अलग अलग रहते थे तो लोग उन्हें स्टेट थे लेकिन अब वो एक-एक ग्यारह हो गये हैं अब लोग उनसे डरने लगे हैं ।

  • एक टांग पर खड़ा होना- (काम के लिए तैयार रहना) – जब तक बहन की शादी नहीं हुई वह एक टांग पर खड़ा रहा ।

  • एक लाठी से हाँकना – (सबके साथ एक जैसा व्यवहार करना) – सब लोगों को एक लाठी से हाँकना कोई बुद्धिमानी नहीं है ।

  • एक हाथ से ताली न बजना – (दूसरे के बिना काम न होना) – कभी भी एक हाथ से ताली नहीं बजती गलती तुम दोनों की है ।

ऐ से बनने वाले मुहावरे 

  • ऐसी तैसी करना – (बेईज्जती करना) – सब के समने उसने अपने ही बड़े भाई की ऐसी तैसी कर दी।

 उम्मीद करता हूं कि आप अ से औ तक कर वर्ण का मुहावरा समझ गए होंगे और यह लेख आपको अच्छा लगा होगा



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