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क से झ तक के वर्ण से शुरू होने वाले शब्दों के पर्यायवाची शब्द

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 पिछले अध्याय में हमने स्वर के वर्ण क्रमानुसार पर्यायवाची शब्द पढ़े और आज हम इस लेख में क से झ तक पर्यायवाची मतलब की क से झ तक वर्शुण से शुरू होने वाले शब्द के पर्यायवाची शब्द पढ़ेंगे क से शुरू होने वाले शबो के पर्यायवाची शब्द कमल - नलिन, अरविन्द, उत्पल, अम्भोज, तामरस, पुष्कर, महोत्पल, वनज, कंज, सरसिज, राजीव, पद्म, पंकज, नीरज, सरोज, जलज, जलजात, शतदल, पुण्डरीक, इन्दीवर। किरण - गभस्ति, रश्मि, मयूख, मरीचि, ज्योति, अंशु, अर्चि, गो, कर, प्रभा। कामदेव - मदन, मनोज,पंचशर, मनसिज, काम, अनंग, आत्मभू, कंदर्प, दर्पक, रतिपति, पुष्पधन्वा, मन्मथ। कपड़ा - मयुख, वस्त्र,  अंशु, कर, अम्बर, चीर, वसन, पट,परिधान। कुबेर - कित्ररेश, यक्षराज, धनद, धनाधिप, राजराज। किस्मत - होनी, विधि, नियति, भाग्य। कच - बाल, केश,  रोम, शिरोरूह, कुन्तल, चिकुर, अलक,। कबूतर - कपोत, रक्तलोचन, पारावत, कलरव, हारिल। कण्ठ - ग्रीवा, गर्दन, गला, शिरोधरा। कृपा - प्रसाद, करुणा, अनुकम्पा, दया, अनुग्रह। किताब - पोथी, ग्रन्थ, पुस्तक। किनारा - तीर, कूल, कगार, तट। किसान - कृषक, भूमिपुत्र, हलधर, खेतिहर, अन्नदाता। कृष्...

स्वरों के वर्णक्रमानुसार पर्यायवाची शब्द - Hindi OS

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हेलो दोस्तो! पिछले अध्याय में हम पर्यायवाची शब्द के बारे में जान गए हैं। आज इस लेख में हम अधिक से अधिक अ से औ तक वर्ण का क्रमानुसार पर्यायवाची शब्द पढेंगे। वर्ण क्रमानुसार पर्यायवाची शब्द  आइए स्वरों जैसे अ, आ, इ, ई .... औ से शुरू होने वाले शब्दों के पर्यायवाची शब्द पढ़ते है। अ से शुरू होने वाले शब्दों के पर्यायवाची शब्द अंधकार – तम, तमस, अंधियारा, तिमिर, अँधेरा। अपमान – अनादर, अवज्ञा, अवहेलना, तिरस्कार। अलंकार – आभूषण, गहना, जेवर। अहंकार – दंभ, अभिमान, दर्प, मद, घमंड। अमृत – सुधा, अमिय, पीयूष, सोम। असुर – दैत्य, दानव, राक्षस, निशाचर, रजनीचर, दनुज, रात्रिचर, तमचर। अतिथि – मेहमान, अभ्यागत, आगन्तुक। अनुपम – अपूर्व, अतुल्य, अनोखा, अद्भुत, अनन्य। अर्थ – धन, द्रव्य, मुद्रा, दौलत, वित्त, पैसा। अश्व – हय, तुरंग, घोड़ा, घोटक, बाजि, सैन्धव। अंतर - भिन्नता, असमानता, भेद, फर्क। अंतर्धान - गायब, लुप्त, ओझल, अदृश्य। अंदर - भीतर, आंतरिक, अंदरूनी, अभ्यंतर। अंदाज - अंदाजा, अटकल, कयास, अनुमान। आ से शुरू होने वाले शब्दों के पर्यायवाची शब्द आत्मा – जीव, चैतन्य, चेतनतत्तव, अंतःकरण। आग – अनल...

Paryayvachi Shabd kise kahate hai? पर्यायवाची शब्द

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Paryayvachi shabd ki paribhasha : हेलो दोस्तो! आज हम इस लेख में पर्यायवाची शब्द के बारे में पढेंगे। जैसे कि पर्यायवाची शब्द क्या है, परिभाषा, और प्रकार के बारे में विस्तृत पढेंगे। पर्यायवाची शब्द क्या है | Paryayavachi Shabd kya hai किसी शब्द-विशेष के लिए प्रयुक्त समानार्थक शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहते हैं। यद्यपि पर्यायवाची शब्द समानार्थी होते हैं किन्तु भाव में ये एक-दूसरे से किंचित भिन्न होते हैं। अर्थात जिन शब्दों के अर्थ में समानता होती है, उन्हें समानार्थक, या पर्यायवाची शब्द कहते हैं। जैसे :- पावक का पर्यायवाची - कृशानु, हुताशन, वैश्वानर, शुचि, ज्वाला, आग, अनल। मुँह का पर्यायवाची - चेहरा, मुखड़ा, आनन, मुख। पर्यायवाची कितने प्रकार की होती है पर्यायवाची को तीन भागों में बांटा जा सकता है। 1. पूर्ण पर्याय 2. पूर्णा पूर्ण पर्याय 3. अपूर्ण पर्याय 1. पूर्ण पर्याय पर्यायवाची शब्द :- वाक्य में यदि एक शब्द के स्थान पर दूसरा शब्द रखा जा सके और अर्थ में कोई अंतर नहीं पड़ता हो, तो यह उसका पूर्ण पर्याय है। जैसे- जलज,वारिज। 2. पूर्णा पूर्ण पर्याय पर्यायवाची शब्द :- जो एक प्रसंग में तो पूर्ण...

छंद की परिभाषा, अंग तथा भेद - Hind OS

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आज इस लेख में हम छंद के बारे में पढेंगे जैसे- छंद की परिभाषा, अंग तथा भेद इत्यादि। चलिये सबसे पहले छंद का मतलब जान लेते हैं। छंद क्या है | Chhand kya hai छंद शब्द संस्कृत के छिदि धातु से बना है छिदि का अर्थ है ढकना, आच्छादित करना। सर्वप्रथम छंद की चर्चा ऋग्वेद में आई है। छंद वह सुंदर आवरण है जो कविता-कामिनी के शरीर को ढक कर उसके सौंदर्य में वृद्धि करता है। छंद की परिभाषा  जिन रचनाओं में वर्ण, मात्रा, यति, गति, तुक आदि पर बल दिया जाता है वे छंद कहलाते हैं। अक्षरों की संख्या एवं क्रम मात्रा, गणना तथा यति- गति से संबंधित विशिश्ट नियमों से नियोजित पद रचना छंद कहलाती है। आइये अब यह जान लेते हैं कि छंद के कितने अंग होते हैं। छंद के अंग | Chhand ke ang छंद के सात अंग होते हैं जो निम्नलिखित है। वर्ण मात्रा यति गति तुक लघु और गुरु गण 1. वर्ण क्या है वर्ण ही अक्षर कहलाते हैं। यह एक छोटी सी आवाज है जिसे तोड़ा नहीं जा सकता। वर्ण के दो भेद होते है। (I)- लघु/ह्रस्व स्वर- जिसका उच्चारण करने में कम समय (एक मात्रा का समय) लगता है, उसे लघु/ह्रस्व स्वर कहा जाता है जैसे :- अ, इ, उ,ऋ। (II)- दीर्घ स्वर-...

रस के प्रकार उदाहरण सहित | Ras ke prakar in hindi

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Hindi Ras ke prakar :  पिछले अध्याय में हमने रस की परिभाषा तथा अंग पढ़ा। इस लेख के हम रस के प्रकार के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। चलिये शुरू करते हैं। रस के प्रकार |  Ras ke Prakar रसों की संख्या 9 है। वास्तव में रस नौ ही प्रकार के होते हैं परन्तु वात्सल्य एवं भक्ति को भी रस माना गया हैं इसलिए रसों की संख्या 11 हो जाती है। श्रंगार रस हास्य रस वीर रस करुण रस शांत रस अदभुत रस भयानक रस रौद्र रस वीभत्स रस वात्सल्य रस भक्ति रस 1. श्रृंगार रस की परिभाषा श्रृंगार रस में नायक और नायिका के मन में संस्कार रूप में स्थित रति या प्रेम जब रस के अवस्था में पहुंच जाता है तो वह श्रृंगार रस कहलाता है। इसका स्थायी भाव रति होता हैं। श्रृंगार रस को "रसराज" भी कहा जाता है। श्रृंगार रस के उदाहरण :- तरनि तनुजा तट तमाल तरुवर बहु छाये। झके कूल सों जल परसन हित मनहुँ सुहाये।। 2. हास्य रस की परिभाषा जहां कुछ अजीब स्थितियों या परिस्थितियों के कारण हास्य उत्पन्न होता है, उसे हास्य रस कहा जाता है।  इसकी स्थायी भावना हास (कम) हो जाती है। हास्य रस के उदाहरण :- विंध्य के वासी उदासी, तपोव्रत धारी महा बि...

रस किसे कहते हैं | Ras Kise Khate Hain :

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Ras ki paribhasha - यदि आप रस पढ़ना चाहते हैं तो यहाँ पर रस क्या है, अंग, प्रकार, उदाहरण सहित प्रकाशित किया गया है। चलिये सबसे पहले यह जान लेते हैं कि रस किसे कहते हैं। रस किसे कहते हैं | Ras kise kahate hain रस जैसा कि नाम से ही स्पष्ट होता है सुख, आनंद, मजा इत्यादि। इस प्रकार रस का शाब्दिक अर्थ होता है "आनंद" इसलिए हम रस की परिभाषा कुछ इस प्रकार दे सकते हैं  Ras Kise Kahate Hain- 'किसी काव्य को पढ़कर या सुनकर मन में जो आनंद का भाव उत्पन्न होता है, उसे रस कहते हैं।' रस के  कितने अंग होते हैं | Ras ke Ang रस के चार अंग होते है, जो निम्नलिखित हैं। स्थाई भाव अनुभाव विभाव संचारी भाव 1. स्थाई भाव क्या है स्थाई भाव का अर्थ होता है प्रधान भाव। प्रधान भाव वही हो सकता है जो रस की अवस्था तक पहुंचता है। काव्य या नाटक में शुरू से आखिर तक एक स्थाई भाव होता है। स्थाई भाव की संख्या 9 मानी गई है। स्थाई भाव ही रस का आधार है। एक रस के मूल में एक स्थाई भाव रहता है।  अतः रसों की संख्या भी 9 होती है। इन्हें नवरस भी कहते हैं। मूल रूप से नवरस ही माने जाते हैं। बाद में आचार्यों ने दो और भा...

समास क्या है - परिभाषा, भेद तथा उदाहरण : Samas in Hindi OS

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दोस्तो यदि आप समझ के बारे में विस्तार से पढ़ना चाहते हैं तो आप सही जगह हैं। क्योंकि इस लेख समास क्या है, समास विग्रह क्या है, समास के कितने भेद होते हैं इत्यादि का वर्णन विस्तृत रूप से किया गया है। समास क्या है | Samas Kya hai जहाँ पर अधिक से अधिक अर्थ को कम-से-कम शब्दों में प्रकट किया जाए वह समास कहलाता है। Samas Kise Kahate Hain | Samas Ki Paribhasha समास की परिभाषा  - जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया और छोटा शब्द बनता है उस शब्द को समास कहते हैं।  समास क्या है - परिभाषा, भेद तथा उदाहरण समास विग्रह क्या है | समास विग्रह किसे कहते हैं संपूर्ण पद के सभी पदों को अलग करने की प्रक्रिया को समास-विग्रह या व्यास कहा जाता है। समास विग्रह के उदाहरण नीलकमल का विग्रह है- "नीला है जो कमल" चौराहा का विग्रह है - चार राहों का समूह। • समास रचना में प्रायः दो पद होते हैं। पहले को पूर्व पद और दूसरे को कहा जाता है। उदाहरण:-  "राजपुत्र" में पूर्वपद "राज" है और उत्तरपद "पुत्र" है। • समास प्रक्रिया में पदों के बीच की विभक्तियां लुप्त हो जाती हैं। उदाहरण:-  ...